Deprecated: Hook elementor/widgets/widgets_registered is deprecated since version 3.5.0! Use elementor/widgets/register instead. in /var/www/wp-includes/functions.php on line 5758 Kumbhalgarh Fort
Kumbhalgarh Fort- वर्ष 2015 में हमको Kumbhalgarh Fort जाने का अवसर मिला था परिवार के साथ. कहीं net surfing के दौरान मुझे पता चला था की दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी दीवाल अपने हिंदुस्तान में राजस्थान राज्य के Kumbhalgarh Fort में है और दूसरा आकर्षण का ख़ास कारण यह था की यह महाराणा प्रताप की जन्मस्थली के रूप में भी जाना जाता है. बचपन से ही इतिहास पढ़ने के दौरान महाराणा प्रताप की वीर–गाथा पढ़ी है तो उनके बारें में जानने में और उनकी जन्म स्थली देखने की एक अलग ही उत्सुकता थी, उत्साह अपने चरम पर था. बारिश के मौसम में और वो भी जब मूसलाधार बारिश हो रही हो तो ऐसे मौसम में गाड़ी ड्राइव करके इतने ऊंचाई पर विराजमान Kumbhalgarh Fort जाना एक अलग ही अनुभव था. चारो तरफ हरियाली, अरावली की पर्वत श्रृंखलाये, गिरते झरने एक अलग असीम आनंद प्रदान कर रहे थे. किले के अंदर के प्राचीर जिस पर एक साथ 8 घोड़े दौड़ सकते हैं, देख कर मन रोमांच से भर जाता है. किले के अंदर के टेढ़े–मेढ़े रास्ते इस तरह से बनाये गए थे जिससे की दुश्मन के सेना और उनके हाथी–घोड़ों को ऊपर चढ़ने में कठिनाई हो और ऊपर आने के पहले ही उन पर आक्रमण करके परास्त किया जा सके. जिस समय हम लोग गए थे उसी समय के आस–पास हिंदी फिल्म “प्रेम रतन धन पायो” की Shooting भी हुई थी वहां पर, काफी दृश्य Kumbhalgarh Fort के उसमे दिखाए गए हैं. तो आइये जानते है Kumbhalgarh Fort के बारें में संक्षिप्त में जितना मैं जान और समझ पाया।
महाराणा प्रताप की जन्मस्थली भी है कुम्भलगढ़ फोर्ट
जब भी राजस्थान का नाम दिमाग में आता है तो वहां की रंगीन पगड़ी, जोश और वीरता से भरे लोग, लजीज भोजन, शानदार किले और मनोरम थार एकदम से आँखों के सामने आ जाते हैं, दिल और दिमाग एकदम जोश और उल्लास से भर जाता है. इस राज्य के राजसी किले और उससे शानदार उनका अतीत, वीरता से भरा हुआ उनके अदम्य साहस और शौर्य को दर्शाता है. और उन्हीं किलों में से एक किला है Kumbhalgarh Fort, जो राजस्थान की भव्यता और मेवाड़ की वीरगाथा को दर्शाता है.
Kumbhalgarh Fort राजस्थान में Udaipur के पास राजसमंद जिले में अरावली पर्वत की विशाल श्रृंखला पर विराजमान है. ये मेवाड़ का किला है. यह राजस्थान के पर्वतीय किलों में शामिल एक विश्व–धरोहर है. इसका निर्माण 15वीं शताब्दी में राणा Kumbha द्वारा किया गया था.
चित्तौड़गढ़ के बाद दूसरा सबसे बड़ा किला है Kumbhalgarh
मेवाड़ के किलों में Chittorgarhकिले के बाद Kumbhalgarh Fort का विशेष स्थान है. 2013 में कम्बोडिया में आयोजित 37वें सत्र में राजस्थान के अन्य 5 किलों के साथ Kumbhalgarh fort को UNESCO विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया. Kumbhalgarh fort दुनिया के बड़े किलों में से एक है और भारत में Chittorgarhकिले के बाद सबसे बड़ा किला है. Kumbhalgarh fort के अलावा अम्बर किला, चित्तौड़ किला, गागरोन किला, जैसलमेर किला और रणथंभौर किला को UNESCO की विश्व धरोहर स्थल तालिका में शामिल किया गया था।
Evidence की कमी के कारण Kumbhalgarh Fort का इतिहास तो ठीक से नहीं पता लग पाया लेकिन अभी जो वर्तमान रूप दिख रहा है वो राणा कुम्भा द्वारा बनवाया गया था. राणा Kumbha, सिसोदिया Rajpoot वंश से मेवाड़ के राजा थे. इनके मेवाड़ राज्य का विस्तार रणथम्भौर से ग्वालियर तक था. और उनके द्वारा बनाये गए 32 किलों में Kumbhalgarh fort सबसे बड़ा है.
Kumbhalgarh Fort ने मेवाड़ और मारवाड़ को भी एक दूसरे से अलग कर दिया और खतरे के समय मेवाड़ के शासकों की शरण स्थली के रूप में इस्तेमाल किया गया। अहमद शाह ने 1457 में Kumbhalgarh Fort पर हमला किया लेकिन असफल रहा. महमूद खलजी द्वारा 1458, 1459 और 1467 में और प्रयास किए गए, लेकिन यह भी निरर्थक साबित हुआ।
चीन की दीवाल के बाद विश्व की सबसे लम्बी दीवाल है, लम्बाई 36 किलोमीटर
शिखर पर स्थित होने के कारण और अरावली पर्वत के 11 चोटियों से घिरा होने के कारण ये एक प्रभावशाली और अभेद्य किला था राजस्थान का. कभी भी युद्ध में कोई इसे जीत नहीं पाया लेकिन मुगलों द्वारा छल करके इसपर एक बार कब्ज़ा कर लिया गया था. ऐसा माना जाता है की जल आपूर्ति में जहर मिला कर, छल करके Kumbhalgarh Fort पर कब्ज़ा किया गया था.
अकबर के सेनापति शाहबाज़ खान ने 1576 में किले पर अधिकार कर लिया था लेकिन 1585 में महाराणा प्रताप ने इसे वापस ले लिया था. इसने संघर्ष के समय मेवाड़ के शासकों को शरण दी।
अरावली पर्वत की शृंखलाओं पर समुद्र तल से 1100 मीटर की ऊंचाई पर किले की परिधि में जो दीवाल बनायीं गयी थी वो 36 किलोमीटर लम्बी है और चीन की दीवाल की बाद दुनिया की सबसे लम्बी दीवाल है. दीवाल के ऊपर की चौड़ाई लगभग 15 फ़ीट तक है. Kumbhalgarh Fort में सात किलेबंद द्वार हैं। Kumbhalgarh Fort के अंदर लगभग 360 मंदिर है. बहुत अधिक ऊंचाई पर होने के कारण किले के शीर्ष पर से कई किलोमीटर तक देखा जा सकता है.
किले के अंदर एक नीलकंठ महादेव मंदिर है इसमें शिव जी की मूर्ति काले पत्थरों से बनी है और इसका नवीनीकरण राणा सांगा द्वारा किया है (शिलालेखों के अनुसार).
कला और वास्तुकला के प्रति महाराणा कुम्भा के “अनुराग” को देखते हुए राजस्थान पर्यटन विभाग प्रतिवर्ष तीन–दिवसीय वार्षिक–उत्सव का आयोजन करता है जिसमे बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं. लाइट और साउंड शो का आयोजन होता है.
ठण्ड के मौसम में और बरसात के मौसम में यहाँ जाना बहुत ही आनंद–दायक है. बारिश के मौसम में चारो तरफ हरियाली एकदम मनमोह लेती है. किले में जाने का समय सुबह 9 बजे से शाम को 6 बजे तक है.
इस किले में दो विशेष स्थान है एक वो जहाँ महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था और दूसरा वो जहाँ पन्ना ने अपने बेटे का बलिदान देके “युवा” महाराजा उदय सिंह को बचाया था.
Kumbhalgarh fort जाने के लिए सबसे निकटतम एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन Udaipur है. Udaipur से Kumbhalgarh लगभग 84 किलोमीटर है.
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Very informative..we did not study in our history sessions..in our school time..
Thank u so much for amazing information..sharing with us..?
Thank You Saba…
Very nice..
Kumbhalgarh fort read karte Samay aisa lag rha tha mai fort me hu..bhut ache se sundarta aur veera ko bataya apne..
Thank u so much…
बहुत जबरदस्त जानकारी दी है भाई साथ मे अप्ना नाम भी ऐडजस्ट कर दिया ऐसी तमाम महान हस्तियां और विरासत हमारे देश मे हैं पर चाटुकार और इस्लाम परस्त इतिहासकारों ने हमारे महाराणा प्रताप जैसे वीरों का पराक्रम गायब कर के अकबर जैसे आततायीयों को महान बना दिया पर तुम्हारा ये यात्रा वृतांत काफी हद तक हमारे महान इतिहास को जानने मे सहायता कर रहा है।
आपको इस के लिये हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ
thank you dear…
Lovely place 360 Temple in a one fort.wow that’s very amazing. Nice description.
Thank you dear…
Very nice..
Kumbhalgarh fort read karte Samay aisa lag rha tha mai fort me hu..bhut ache se sundarta aur veera ko bataya apne..
Thank u so much…
[…] hope you really enjoyed this post and will make plan once to visit […]
[…] Also read: Kumbhalgarh Fort […]
[…] Also Read: Kumbhal Garh Fort […]
Anurag shrivastava is a best hindi blog to increase your dharmik Knowledge. and know more about – religious stories,History, sociel problem, releted. and this blog is about Kumbhalgarh ka kila in hindi.
वाह ! काफ़ी सुंदर आलेख
Your comment always boost me Bhaiya…
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