होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
होली को वसंत का त्यौहार, रंगों का त्यौहार और प्रेम का त्यौहार भी कहा जाता है. भारत में ये त्यौहार प्रमुखता से मनाया जाता है लेकिन अब धीरे–धीरे ये Asia और पश्चिमी देशों में भी कुछ जगह मनाया जाने लगा है. इसमें अप्रवासी भारतवासियों का महत्वपूर्ण योगदान है.
होली वसंत ऋतु के आगमन, सर्दियों के जाने का, हंसने–खेलने का और रूठें–टूटे हुए रिश्तों को मनाने और जोड़ने का त्यौहार है. होली का त्यौहार दो दिन का होता है पहले दिन शाम को या रात में होलिका दहन होता है मतलब होलिका जलाई जाती है और दूसरे दिन रंग, अबीर, गुलाल एक दूसरे को लगा कर होली का त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन को धुलेटी, धुरखेल, धूलिवंदन या धुलंडी भी कहते हैं.
होलिका दहन के समय से ही होली का जश्न शुरू हो जाता है, जहाँ पर होलिका दहन समारोह होता है वहां लोग इकठ्ठा होते हैं, अलाव के समक्ष अनुष्ठान करते हैं. भगवान से प्रार्थना करते हैं की हमारी आंतरिक और सामाजिक बुराइयों को नष्ट करें जिस तरह से होलिकादहन में भक्त प्रह्लाद की जान स्वयं प्रभु में बचा ली थी और होलिका जल कर ख़त्म हो गयी थी.