Abode of my thoughts
How to speak English with fluency and confidence आज हम इस बात पर चर्चा करेंगे। क्योंकि English बोलना आज कल बहुत जरुरी हो गया है. कही Job के interview के लिए जाना है, या हम कोई बिज़नेस कर रहे हैं और हमारे client विदेशों में भी हैं, Foreign जाना है या ऐसी बहुत सी जगह है जहाँ English बोलना हमारे लिए बहुत ही जरुरी हो गया है. Actually ये blog उन लोगों के लिए है जिनको English थोड़ा बहुत समझ में आता है. अगर उनके सामने कोई बात कर रहा है या उनसे कोई English में बोलता हैं तो समझ जाते हैं लेकिन बोल नहीं पाते, बात नहीं कर पाते। उनके मन में तो English है लेकिन बोलने में झिझक महसूस कर रहे हैं. जिनको थोड़ा सा भी English भाषा का जानकारी नहीं है उसके लिए शुरू से शुरुआत करनी पड़ेगी उसके लिए हम अलग से आर्टिकल में बात करेंगे।
हम हिंदी/Native Language में ही सोचते हैं और हिंदी/Native Language में बोलते हैं इसलिए हमको धाराप्रवाह हिंदी/Native Language बोलने में कोई समस्या नहीं होती। लेकिन English का क्या है की पहले हम हिंदी में सोचते हैं फिर उसको अपने दिमाग में ही हिंदी/Native Language to English Convert करते हैं फिर बोलते हैं. अब सवाल ये पैदा होता है की हम हिंदी/Native Language में ही क्यों सोचते हैं English में क्यों नहीं सोचते? ऐसा ही सवाल अंग्रेजों के लिए भी उठता है क्योंकि जितना हमको English बोलने में समस्या है उतना ही उनको हिंदी बोलने में होता है. या ज्यादा दूर न जाइये हमारे भारतवर्ष के ही कुछ हिस्सों में आज भी हिंदी बोलना बहुत बड़ी समस्या है. ऐसा क्यों होता है? इस सवाल का जवाब है हमारा वातावरण। हम बचपन में जो देखते हैं जो सुनते हैं उसको ही प्रयोग में लेते हैं. इसका उदाहरण ये हैं हिंदी/Native Language बोलने के लिए हमको किसी स्कूल में नहीं जाना पड़ा. जब हमारा स्कूल में admission होता है उसके पहले ही हमको इतनी हिंदी/Native Language आती है की हम साधारण बातचीत कर सके, अपनी जरूरतें बता सके.
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बच्चे जब छोटे होते हैं और उनको कोई भी भाषा नहीं आती न हिंदी न english या न ही कोई और भाषा। उस समय वह सिर्फ Observe करता है की उसके Parents या आस–पास के लोग क्या बोलते हैं, भले ही उसको समझ में न आये लेकिन वो उनके expression को observe करता है और उस expression के बाद ये किसी specific word के बाद क्या action होता है उसको देखता है. बार–बार देखता है फिर एक समय के बाद उसको समझ में आता है की क्या बोलने से या क्या करने से क्या होता है. ऐसा एक बार में ही वो नहीं समझ जाता है. और जब थोड़ा बहुत उसको समझ में आता है की फिर वो उसको दोहराने की कोशिश करता है शुरुआत में वो टूटा–फूटा हिंदी/Native Language बोलने की कोशिश करता है और धीरे–धीरे प्रयास करते रहने से एक समय के बाद वो बोलने लग जाता है.
इसलिए हर संभव प्रयास करना चाहिए हमारा वातावरण बदलने की क्यों की जितना आप प्रयास करेंगे उतना ही सफल होंगे। बस सीखते रहने से ही कुछ नहीं होगा जो आप सीख रहें हैं उसको Implement भी करना पड़ेगा तभी कुछ संभव है.
English मजबूत करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है Vocabulary (शब्दावली) क्योंकि जैसे हिंदी में आपको सभी चीजों के नाम पता है तो आप आसानी से बोल सकते हैं वैसे ही English में भी चीजों को क्या बोला जाता है ये आपको पता होना चाहिए। अपनी vocabulary कोstrong कैसे करें? अगर आप पहले के जैसा डिक्शनरी लेकर बैठ जायेंगे तो फिर यह एक बहुत जटिल काम हो जायेगा और बहुत ही ज्यादा समय लगेगा। डिक्शनरी लेकर बैठने से आपको वो जानकारी चाहिए जिसके बारें में आप नहीं जानते हैं लेकिन साथ में वो भी पढ़ना पड़ेगा जिसके बारें में आप जानते हैं.
और आपको पता ही होगा की हमको वो चीज ज्यादा याद रहती हैं जो हम देखते हैं बजाय पढ़ने के. अगर आपको 3 घंटे बिठा कर पढ़ाया जाये कुछ तो आप भूल जायेंगे लेकिन एक फिल्म देख कर आएंगे तो पूरी फिल्म की स्टोरी अपने दोस्त को बता देते हैं. इसलिए हमको ये कोशिश करने चाहिए की डिक्शनरी बजाय हमको कुछ और तरीके आजमाने चाहिए जो की Visual होने के साथ–साथ Interesting भी हो और vocabulary के साथ–साथ हमारा grammar ठीक करने में मदद करे. क्योंकि थोड़ा सा भी grammatical mistake होने से पूरे शब्द के मायने बदल जाते हैं. लेकिन अगर आप धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल पा रहे हैं तो ज्यादा grammar पर ध्यान देने की जरुरत नहीं है. हमको English फिल्म देखनी चाहिए जो sub-title वाले हों, आप उनको सुने और देखे की क्या बोलने के बाद क्या action लिया गया है या अगर कोई particular ऐसा word सुन लिया है जो समझ में नहीं आया तो उसको translate करके समझने के लिए आपके पास mobile होगा ही तुरंत google translate open कीजिये एक word के बहुत सारे meaning सेकंडों में आपके सामने होंगे।
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English News Channel देखिये, English News Paper पढ़िए, English magazine पढ़िए। हो सकता है आपको समझ में ना आये, आपको बोरियत लगे शुरुआत में ये सब करने में लेकिन छोड़ना नहीं है, कुछ समय के बाद ये आप के Habit में हो जायेगा और फिर interesting लगने लगेगा। ऐसा करते रहने से आपके चारो तरफ ऐसा वातावरण बन जायेगा और को पहले से बहुत ज्यादा comfort लगने लगेगा।
आप जब English News Paper में कोई नया Word देखे जो आपको पता नहीं है, फिल्म या English News Channel में सुने तो उसको तुरंत एक डायरी में नोट कर ले और एक–एक करके उसको English to Hindi में ट्रांसलेट करके देखे। आप अपने घर में ऐसी चीजों को observe करें जिनका English नाम आपको नहीं पता है, हो सकता है 10 में से 7 चीजों के नाम आपको पता हो लेकिन बाकी के 3 का भी नाम आप जानने की कोशिश करें इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
जब आपका vocabulary strong हो जाये फिर उसको practice करना शुरू करें। क्योंकि चाहे जितना आप जानकार हो जाये जब तक उसको अमल में नहीं लाएंगे तब तक कोई फायदा नहीं उसका और कभी भी धाराप्रवाह english नहीं बोल पाएंगे।
अमल में लाने के लिए, प्रैक्टिस के लिए आप सबसे पहले अपने दिमाग में English में सोचना शुरू करें क्योंकि आप हिंदी भी तभी बोल पाते हैं जब आप सोचते हैं बिना सोचे आप हिंदी भी नहीं बोल पायेंगे। ये वैसे ही है की जब हम पिक्चर हाल में कोई मूवी देखते हैं तो सोचते हैं की लगातार video चल रहा है लेकिन वैसा नहीं होता है, वो सब एक पिक्चर है still photography जैसा बस वो इतना तेज़ चलता है की सेकंड में पता नहीं कितने रील move कर जाते हैं हमको पता नहीं चलता ठीक वैसे है हिंदी हम जितना तेज़ सोचते हैं उतना ही तेज़ बोलते हैं.
पहले हम खुद इंग्लिश में सोचे फिर उसको एक डायरी में लिखे। लिखने से आपकी प्रैक्टिस होगी और वो कंठस्थ हो जायेगा। mirror (शीशे)के सामने बैठ कर बोलने का प्रयास करें और ये सबसे सटीक तरीका है अपने English Communication को स्ट्रांग करने का जिसमे आपEnglish बोलने के समय के शारीरिक हाव–भाव, face expression को देख सकते हैं. Mirror के सामने आप अलग–अलग तरह के practice कर सकते हैं जैसे की छोटे बच्चों से कैसे बात करना है, दोस्तों से कैसे बात करना है, अपने से बड़े लोगों से कैसे बात करना है या फिर किसी public gathering में मंच से कैसे बोलना है. या फिर किसी ऐसे आदमी से बात करें english में जो आपका मजाक न उड़ाए क्योंकि आप सबसे English बोलने की प्रैक्टिस नहीं कर सकते क्योंकि जब आप शुरुआत में कुछ गलती करेंगे और सामने वाला आपका उपहास उड़ाएगा तो आपका मनोबल टूट जायेगा।
ऊपर दिए गए sentence को बार–बार लगातार बोलने की कोशिश करिये, इसको Tongue twister कहते हैं ये इतना आसान नहीं है बोलना। इसको बार बार बोलने से उच्चारण में भी सहायता मिलती है और मुँह और जीभ जो right placement भी मिलता है.
I hope this article will help you to speak English without any hesitation. Thanks for reading this blog.
Yes anurag sir its very effective
what we learn if dont practice its like waste….to seekhna aur implement karna dono hi bhut jaroori hota hai..