1. लोग हमेशा आपको तब ही याद करते हों जब उनको आपकी जरुरत होती हो या लोग आपको बिना कुछ वापस किये हरदम कुछ न कुछ मांगते रहें और आपकी उनकी जरूरते पूरी करते रहते हैं और आप उनको या उनकी हरकतों को पसंद न करते हों, ऐसे में आपका मन हमेशा अशांत रहेगा भले ही आप किसी की मदद ही क्यों न कर रहें हो.
2. जब आप किसी रिश्ते में हो और खुद को भुला दें की आप कौन हैं, क्या हैं. और आपके साथ वाला आपको बिना कोई सूचना दिए या आपके बिना किसी स्वीकृति के निर्णय लेता रहे और आपको बस उसका साथ देते रहना है. और आप वो सब करने लगे जो आपने कभी किया न हो या आपके स्वाभाव के खिलाफ हो, ऐसे में आप अपने मूल्यों को भूल जाते हैं.
3. जब आप किसी का ध्यान अपने ऊपर चाहते हों और आपको न दिया जाये फिर आप आकर्षण पाने के लिए बेवकूफी भरी हरकतें करने लगो. ऐसे करके आप अपनी छवि को ही धूमिल करोगे।
4. जब आप पर बुरी आदतें हावी होने लगे, आप नशे की गिरफ्त में होने लगो ऐसे में आपको खुद से प्यार करना आवश्यक हो जाता है.
5. आप उन लोगों की लगातार परवाह करते जा रहे हैं जो आपकी बिलकुल परवाह नहीं करते, आप उनके लिए पहाड़ तोड़ दोगे फिर भी वो आपको नोटिस नहीं करेंगे।
6. आप लगातार किसी से मौखिक, मानसिक शारीरिक शोषण सहन कर रहे हो ये सोच के की कभी जिंदगी में उन्होंने आपके साथ एक बार अच्छा कुछ किया था और आप उनसे अपनेपन की भावना से चिपके पड़े हो.
7. आप हमेशा नम्रता से चलते हो क्योंकि आपको ऐसा लगता है की किसी के लिए आपकी राय का कोई महत्त्व नहीं है या आपने खुद को ऐसा मान लिया है की आपके पास ऐसा कुछ नहीं है जो दूसरों के काम आये.
ऐसे में आप दूसरों के लिए तो काम कर रहें हैं उनके लिए सोच रहें हैं और आप ये किसी भी परिस्थिति में कर रहे हों लेकिन आप अपने आपको खो रहे हैं, अपने वजूद को खो रहें हैं, अपने आत्मसम्मान को खो रहे हैं और खुद से प्रेम बिलकुल नहीं करते.
अभिमानी और स्वाभिमानी में केवल इतना सा ही फ़र्क़ है की, स्वाभिमानी व्यक्ति कभी किसी से कुछ मांगता नहीं है, और अभिमानी व्यक्ति कभी किसी को कुछ देता नहीं है।
गजब लिखे हो सर